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हर उस मुश्किल को जिससे लोग घबराते हैं। हर उस परिस्थिति को जहा झुक कर समझौते कर लिए जाते हैं। हर उस लाचारी को जहा इंसान टूटने लगता है। यह ब्लॉग उन उत्साही लोगों के लिए है जो सिर्फ़ जीतना चाहते हैं और हर उस शै से निपट लेना चाहते है जो कमजोर करती है ,,,,,, क्योंकि खोने के लिए कुछ नही और पाने की लिए सारी दुनिया पड़ी है...
1 टिप्पणी:
क्या बे? आदमी कब से किसी के आदमी बनने लगे बे, तुम जैसे लोगों ने ही ये मजमा सा लगा रखा है। इस दुनिया में कोई किसी का हुआ है क्या? एक दिन हमारी औलाद ही लकड़ियों में रखकर आग लगा देगी।
तो इसलिए मौज लो रोज लो न मिले तो खोज लो
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