मंगलवार, 26 जनवरी 2010

गजल: दिल मेरा

राहुल कुमार

दिल मेरा आज क्यूं मुझको, टूटा सा लगे
आइना जिसमें है तस्वीर मेरी, झूठा सा लगे

जिसमें है मेरी तमन्नाएं, आरजू मेरी
गांव सपनों का वो मुझको, लूटा सा लगे

हो गया है वो जुदा जबसे, दूर है हमसे
हल्का झांेका भी अब मुझको, तूफां सा लगे

खाईं थी जिसने वफा कसमें, बेवफा निकला
आज पत्थर लिखा सच भी, शगूफा सा लगे

1 टिप्पणी:

मधुकर राजपूत ने कहा…

वाह जी वाह, सुंदर